विधाता छंद

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विधाता छंद मजे की बात यह जानो, बड़ा चालाक बनता है। बहुत है धूर्त अति दूषित, बहुत नापाक लगता है। करता काम अपना है, रखे बंदूक औरों पर। पिलाता घूंट आंसू ...

अध्याय

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